नमस्ते दोस्तों,
मुझे उम्मीद है की आप सभी अच्छे होंगे।
दोस्तों आज की केस स्टडी हमारे मशहूर इंडसट्रिअलिस्ट रतन टाटा पर है, रतन टाटा को अपनी कंपनी टाटा मोटर्स में नुकसान हो रहा था और कंपनी दिन ब दिन बंद होने की कतार पर आरही थी, तो रतन टाटा और उनकी टीम डेट्रॉइट अमेरिका गए और बिल फोर्ड (मोटर कंपनी के मालिक और उनकी टीम) से मुलाक़ात किया तो उस वक़्त बिल फोर्ड ने उन्हें कहा की हम तुम्हारी कंपनी खरीद कर हम तुम पर एहसान कर रहे है, और जब गाड़ी बनानी आती नहीं थी तो फिर बिज़नेस में आप लोग आये ही क्यों, यह सुनकर रतन टाटा को बहुत गुस्सा आया वह वहाँ से उठे और रात भर सोचते रहे, जो भी करना है लेकिन इनलोगो को तो नहीं देना है, पूरी टीम को लेकर मुंबई वापस आगये।
दोस्तों, मुंबई पोहचकर उन्होंने दिन रत एक करके टाटा मोटर्स पर काम करना शुरू किया, उसकी खामियों को निकाला और टाटा मोटर्स कंपनी को एक नामचीन कंपनी बनाया. दोस्तों सिर्फ एक ज़िद्दी आदमी ही इतिहास रच सकता है और हमें भी इन्ही की तरह इतिहास रचना है, इतिहास रटना नहीं है।
टाटा मोटर्स की कामियाबी के कुछ ही महीनो बाद पता चला की फोर्ड कंपनी नुकसान में चल रही है, तो उसी समय रतन टाटा ने बिल फोर्ड को काल किया और बोलै की हम आपकी कंपनी खरीदने में इंटरेस्ट रखते है, ठीक उसी तरह बिल फोर्ड की टीम डेट्रॉइट से मुंबई अपनी टीम समेत आये, और पूरी डीलिंग ९६०० करोड़ में हुई, फिर बिल फोर्ड रतन टाटा को बोले की आप हमारी जैगुआर और लैंडओवर खरीदकर हम पे एहसान कर रहे है।
दोस्तों इस पुरे आर्टिकल से यह पता चलता है की अपने आप को तारीख बनाने में झोंक को तारीख बिगाड़ने में नहीं.
0 comments:
Post a Comment